शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा की है कि बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड छोड़ दिया है। ऐसा करने के लिए उनका मुख्य कारण क्या था ?
कहां जा रहा है कि वह समाज सेवा को ज्यादा वक्त देना चाहते थे जिस कारण उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड छोड़ दिया।
उन्होंने अपनी पत्नी के साथ शुरू किए हुए फ़ाउंडेशन पर ध्यान देने के लिए पहले ही कंपनी के रोज़मर्रा के कामों में दखल देना बंद कर दिया था।
2014 से पहले तक बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अध्यक्ष के रूप में काम किया था। पर कहा जा रहा है कि उन्होंने बोर्ड पूरी तरह से छोड़ दिया है।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा है कि “बिल गेट्स के साथ काम करना और उनसे सीखना काफी सम्मान की बात है”।
सत्य नडेला ने कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट बिल गेट्स की सलाह एक तकनीकी सलाहकार के रूप में लेता रहेगा।
नियमित रूप से दुनिया आमिर लोगो में शामिल होने वाले बिल गेट्स एक दिखावटी युवा थे, जब उन्होंने पॉल एलन के साथ 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की सह-स्थापना की थी।
उनके पिता विलियम एक गेट्स एक वकील थे और उनकी मां मैरी यूनाइटेड वे इंटरनेशनल की एक स्कूल टीचर और चेयरमैन थीं।
उन्होंने 13 साल की उम्र में ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग शुरू कर दी और उन्हें कम्प्यूटर्स और मशीनो से प्यार हो गया।
हारवर्ड से बहार होते ही बिल गेट्स ने उनके बचपन के मित्र एलन के साथ मिलकर माइक्रोसॉफ्ट की शुरुवात की। इसे शुरू करने के पीछे मुख्या कारन यह था के ज्यादा से ज्यादा लोगो तक मशीने सस्ते दामों में दी जा सके।
वह हमेशा से ही लोगो के प्रति अपने मन में सम्मान रखते हुए उनकी मदद करना चाहते थे। जिसकी वजह से उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ एक चैरिटेबल फाउंडेशन भी खोला।
बिल गेट्स ने अपने चैरिटेबल फ़ाउंडेशन को ज्यादा समय देने के लिए 2000 में अपनी सीईओ की पोजीशन छोड़ दी थी।
उन्होंने अपने फ़ाउंडेशन की सहायता से काफी लोगों की मदद की है। और अब वह चाहते हैं कि वह और ज्यादा लोगों की मदद कर सके।
इसी के चलते समाज सेवा को ज्यादा वक्त देने के लिए बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट का बोर्ड छोड़ दिया है। पर वह अब भी माइक्रोसॉफ्ट के तकनीकी सलाहकार रूप में कार्यरत रहेंगे।